स्पष्टीकरण: तमिलनाडु निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025 का विरोध क्यों हुआ?

Ziddibharat@619
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Explained: Why the TN Private Universities Amendment Bill 2025 faced backlash

स्पष्टीकरण: तमिलनाडु निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2025 के विरोध के प्रमुख कारण (AI Image)

तमिलनाडु विधानसभा से पारित तमिलनाडु निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025 को शैक्षणिक संस्थानों और हितधारकों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है, जिसके चलते शिक्षा मंत्री ने इसकी समीक्षा की घोषणा की है। यह विरोध मुख्य रूप से इस बात पर केंद्रित है कि यह संशोधन राज्य में निजी विश्वविद्यालयों के नियामक ढांचे को कैसे बदलता है। जहाँ विधेयक का उद्देश्य अनुमोदन प्रक्रियाओं को मानकीकृत करना है, वहीं कई विश्वविद्यालय जनवरी 2021 से मार्च 2024 के बीच जारी पिछली अधिसूचनाओं के पूर्वव्यापी सत्यापन को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे पहले की प्रशासनिक अनियमितताओं को अनजाने में वैधता मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालयों को आशंका है कि शासन और अनुमोदन में नए बदलावों से सख़्त सरकारी निगरानी बढ़ेगी और उनकी स्वायत्तता कम होगी; साथ ही, चिकित्सा पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के नियमों के दायरे में लाने से प्रशासनिक और वित्तीय बोझ बढ़ सकता है। प्रायोजक निकायों के पंजीकरण संबंधी आवश्यकताओं को कठोर बनाने पर भी चिंताएँ व्यक्त की गई हैं, खासकर पुरानी संस्थाओं के लिए। यह प्रतिक्रिया नियामक सुधार और संस्थागत स्वायत्तता के बीच के तनाव को दर्शाती है, जिसके कारण सरकार हितधारकों की चिंताओं को दूर करने के लिए विधेयक की समीक्षा कर रही है ताकि निजी विश्वविद्यालय प्रभावी ढंग से काम करते रह सकें और कानूनी मानदंडों का पालन भी हो सके।

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