एक्सक्लूसिव | जीएसटी 2.0: ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों ने होटल बुकिंग पर सीबीआईसी से तुरंत स्पष्टीकरण की मांग की

Ziddibharat@619
4 Min Read

जैसे ही सरकार 22 सितंबर से संशोधित जीएसटी दरें लागू करने की तैयारी कर रही है, ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों (OTAs) ने यह चिंता जताई है कि नई व्यवस्था के तहत होटल बुकिंग पर कर कैसे लगाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, कई OTAs ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) से इस मुद्दे पर तुरंत स्पष्टीकरण और राहत की मांग की है।

विवाद की जड़ नए दर ढांचे में है। अब ₹7,500 प्रति रात तक के होटल कमरों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं मिलेगा। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव OTAs के मौजूदा बिजनेस मॉडल को प्रभावित कर सकता है।

“अब तक, होटल bulk bookings पर पहले से जीएसटी का भुगतान करते थे, और वह इनपुट क्रेडिट ऑनलाइन पोर्टल्स के जरिए ग्राहकों को पास ऑन किया जा सकता था। लेकिन अब ITC हटने से OTAs की लागत बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों के लिए होटल दरें भी बढ़ जाएंगी,” एक सूत्र ने CNBC TV18 को बताया।

उद्योग जगत का कहना है कि नया ढांचा जीएसटी के ‘सीमलेस क्रेडिट’ सिद्धांत को कमजोर करता है, जो इसके मूल उद्देश्यों में से एक था। यह प्रभाव सबसे ज्यादा बजट और मिड-सेगमेंट होटलों पर पड़ेगा, जो ऑनलाइन बुकिंग्स का सबसे बड़ा हिस्सा हैं।

“त्योहारी सीजन आने वाला है, ऐसे में यह बदलाव उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों के लिए अनिश्चितता पैदा करता है,” एक अन्य सूत्र ने कहा।

हाल ही में फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (FHRAI) ने भी इसी मुद्दे पर चिंता जताते हुए जीएसटी परिषद से इस कदम पर पुनर्विचार करने की अपील की। संघ का कहना है कि ITC हटाने से क्षेत्र की वित्तीय सेहत पर गंभीर असर पड़ेगा।

पहले 12% जीएसटी के साथ ITC का लाभ मिलता था, लेकिन अब 5% की दर पर ITC नहीं मिलेगा, जिससे होटलों को किराये, मेंटेनेंस, यूटिलिटीज और पूंजीगत खर्चों पर 18% जीएसटी का बोझ खुद उठाना होगा।

कर विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव छोटे और मध्यम स्तर के होटलों के लिए “बड़ा झटका” है। कई होटल संभवतः यह अतिरिक्त लागत ग्राहकों पर डालने को मजबूर होंगे।

राहुल शेखर, पार्टनर, नांगिया एंडरसन एलएलपी ने कहा कि “ITC का नुकसान होटल उद्योग की मार्जिन पर सीधा असर डालेगा।”
वहीं इकेश नागपाल, लीड-इंडायरेक्ट टैक्सेस, AKM Global का कहना है कि “यह बदलाव उस ‘कास्केडिंग इफेक्ट’ को वापस ला रहा है, जिसे खत्म करने के लिए जीएसटी लाया गया था।”

उन्होंने चेतावनी दी कि ITC मॉडल हटने से होटल, ऑनलाइन एजेंसियों और ट्रैवल इंटरमीडियरीज़ की लागत बढ़ेगी, जिससे वे यह बोझ यात्रियों पर डालने को मजबूर होंगे। खासकर बजट सेगमेंट में, जहां मुनाफा बहुत कम होता है, यह कदम प्रतिस्पर्धात्मकता और विकास दोनों को प्रभावित कर सकता है।

अब OTAs सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।
क्या केंद्र इस प्रावधान में बदलाव करेगा या इसे वापस लेगा — यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

📌 संबंधित समाचार:
नई जीएसटी व्यवस्था से अर्थव्यवस्था में ₹2 लाख करोड़ का निवेश आएगा — निर्मला सीतारमण

Share This Article
No Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *