सिडनी, ऑस्ट्रेलिया — 19 सितंबर: एक उपभोक्ता सिडनी में एक बिलबोर्ड के पास से गुजरता है, जिस पर एप्पल का नया लॉन्च किया गया iPhone 17 प्रदर्शित है, 19 सितंबर 2025। iPhone 17 सीरीज़ और एक्सेसरीज़ आज से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उपलब्ध हो गई हैं।
एप्पल ने पहली बार किसी एक तिमाही में 100 अरब डॉलर का राजस्व पार कर लिया, जुलाई–सितंबर अवधि में कंपनी ने 102.5 अरब डॉलर की बिक्री दर्ज की। यह वृद्धि नए लॉन्च हुए iPhone 17 की मजबूत मांग के चलते हुई, भले ही AI को लेकर चिंताएँ और ट्रेड वॉर का दबाव बना हुआ था। कंपनी की इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही का परिणाम पिछले साल की तुलना में 8% ज्यादा रहा और iPhone से रिकॉर्ड 49 अरब डॉलर का राजस्व मिला, जो पिछले साल से 6% अधिक है। CEO टिम कुक ने छुट्टियों वाले तिमाही के लिए 10–12% की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो वॉल स्ट्रीट की उम्मीदों से अधिक है और iPhone 17 की लगातार मजबूत बिक्री का संकेत देता है।
एक मिलियन ज्यादा iPhone बिके, मुनाफे में जबरदस्त उछाल
विश्लेषकों के अनुसार एप्पल ने पिछले साल की तुलना में लगभग 10 लाख अधिक iPhone बेचे। लेकिन असली बात सिर्फ संख्या नहीं थी—कंपनी ने लोकप्रिय मॉडल्स पर 100 डॉलर की कीमत बढ़ाई और नया डिज़ाइन पेश किया: बेहद पतला iPhone Air और नया डिज़ाइन वाला iPhone Pro जिसकी रियर बॉडी उभरी हुई है। यह रणनीति कारगर रही और एप्पल का मुनाफा 86% बढ़कर 27.5 अरब डॉलर पर पहुँच गया।
सर्विसेज़ से कंपनी ने 28.8 अरब डॉलर का रिकॉर्ड राजस्व कमाया, जिसमें गूगल द्वारा iPhone का डिफॉल्ट सर्च इंजन बने रहने के लिए अनुमानित 20 अरब डॉलर सालाना भुगतान भी शामिल है। भारत समेत कई देशों में रिकॉर्ड कमाई हुई, हालांकि चीन में बिक्री नियामकीय देरी के चलते 3.6% घटकर 14.5 अरब डॉलर रह गई।
AI रेस जारी, सप्लाई की कमी बनी ‘अच्छी समस्या’
कुक ने स्वीकार किया कि iPhone 17 के कुछ मॉडलों में सप्लाई की कमी छुट्टियों के मौसम तक बनी रह सकती है। उन्होंने कहा, “हम ऑर्डर जितनी जल्दी हो सके पूरा कर रहे हैं”—और तेज़ मांग को “अच्छी समस्या” बताया।
निवेशकों के लिए चिंता की बात यह है कि AI रेस में एप्पल अभी भी पीछे नज़र आता है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और सैमसंग जहां तेजी से AI फीचर्स लॉन्च कर रहे हैं, वहीं एप्पल ने इस साल Siri के बड़े अपग्रेड को रद्द कर दिया और अब बड़े बदलाव 2026 में लाए जाएंगे। हालांकि iPhone की मजबूत मांग और सप्लाई प्रेशर दिखाता है कि AI में देरी ने कंपनी को फिलहाल नुकसान नहीं पहुँचाया है।
इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीति से लगने वाले टैरिफ से एप्पल को इस तिमाही में लगभग 1.4 अरब डॉलर का खर्च होगा, क्योंकि अधिकतर प्रोडक्शन भारत और चीन में होता है।
