शी जिनपिंग के चीन में बॉस और जनरल रहस्यमय तरीके से गायब हो रहे हैं — और वो भी चिंताजनक रफ़्तार से

Ziddibharat@619
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Bosses and generals are disappearing in Xi Jinping's China - at an alarming rate
AI image for representation only.

शी जिनपिंग के चीन में अधिकारी और जनरल चिंताजनक गति से गायब हो रहे हैं

चीन में सत्ता के शीर्ष पदों पर बैठे लोग लगातार रहस्यमय तरीके से गायब हो रहे हैं।
शीर्ष जनरल राज्य समारोहों से अचानक नदारद हैं, बड़ी कंपनियों के सीईओ अचानक संपर्क से बाहर हो जाते हैं, और कुछ हफ्तों बाद आधिकारिक बयान जारी होते हैं — जिनमें बताया जाता है कि उन्हें गिरफ्तार, हटाया गया, या पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
यह घटनाएं अब इतनी तेज़ी से बढ़ रही हैं कि यह देश के सैन्य और कारोबारी वर्ग दोनों में अस्थिरता और डर का माहौल पैदा कर रही हैं।


🔹 बड़े पैमाने पर कार्रवाई

17 अक्टूबर को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने देश के दूसरे सबसे बड़े सैन्य अधिकारी हे वेईडोंग (He Weidong) को आठ अन्य वरिष्ठ जनरलों के साथ पार्टी से निकाल दिया
आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह कार्रवाई “भ्रष्टाचार से जुड़े गंभीर उल्लंघनों” के कारण की गई है।


🔹 शी जिनपिंग के करीबी का पतन

हे वेईडोंग की बर्खास्तगी इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि वे कभी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी सहयोगी माने जाते थे और पॉलितब्यूरो (Politburo) के सदस्य भी रह चुके हैं।
पार्टी की एक अहम बैठक से कुछ दिन पहले ही उनका पद से हटाया जाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि अब किसी भी उच्च पद या रैंक की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।


🔹 शी जिनपिंग का सख्त संदेश

विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम शी जिनपिंग की उस नीति को दर्शाता है जिसके तहत वे वफादारी और अनुशासन पर सबसे ज्यादा जोर देते हैं।
उनका संदेश साफ है —

“कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी ताकतवर क्यों न हो, अगर पार्टी के आदेशों से भटकेगा, तो वह नहीं बचेगा।”

Xi's military purge

  • शी जिनपिंग के चीन में सत्ता के गलियारों से गायब होते ताकतवर लोग

    चीन में सत्ता के ऊँचे स्तरों पर लोग तेज़ी से गायब हो रहे हैं — चाहे वो जनरल हों या बड़ी कंपनियों के सीईओ।
    शीर्ष सैन्य अधिकारी अचानक सरकारी आयोजनों से नदारद हैं, बड़ी कंपनियों के प्रमुखों से संपर्क नहीं हो पा रहा।
    कुछ हफ्तों बाद, एक संक्षिप्त सरकारी बयान आता है: उन्हें “गंभीर उल्लंघनों” के आरोप में गिरफ्तार, निकाला, या बेअसर कर दिया गया है।

    यह सिलसिला अब बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है — और इसमें सैन्य और कॉर्पोरेट दोनों तबके शामिल हैं।


    🔴 ताज़ा घटनाक्रम

    17 अक्टूबर को कम्युनिस्ट पार्टी ने चीन के दूसरे सबसे बड़े सैन्य अधिकारी हे वेइडोंग समेत नौ वरिष्ठ जनरलों को पार्टी से निकाल दिया।
    कारण बताया गया — “गंभीर भ्रष्टाचार के मामले”।
    लेकिन यह घटना सिर्फ भ्रष्टाचार की नहीं — बल्कि सत्ता के संतुलन की है।
    हे वेइडोंग कभी शी जिनपिंग के करीबी सहयोगी माने जाते थे।
    अब उनकी बर्खास्तगी यह साफ़ संकेत देती है:

    “चीन में अब कोई भी पद सुरक्षा की गारंटी नहीं है।”


    ⚙️ कॉर्पोरेट दुनिया भी नहीं बची

    इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, निजी क्षेत्र भी अब सुरक्षित नहीं है।
    प्रसिद्ध सेमीकंडक्टर वैज्ञानिक यू फाक्सिन को एक गुप्त और न्यायेतर प्रणाली “लिउझी” (Liuzhi) के तहत हिरासत में लिया गया।
    इस साल दर्जनों उद्योगपति इसी तरह गायब हो गए — कुछ चुपचाप, कुछ सार्वजनिक रूप से काली सूची (Blacklist) में डाल दिए गए।

    कई अधिकारियों के यात्रा और बैंक खाते भी अचानक फ्रीज़ कर दिए गए।
    कुछ मामलों में, दबाव और पूछताछ के कारण उद्योगपतियों ने आत्महत्या तक कर ली।

    यह सब दर्शाता है कि शी जिनपिंग का शासन अब भय और आज्ञाकारिता के ज़रिए ही चल रहा है।


    🌏 क्यों मायने रखता है यह सब

    राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चीन में अब स्टालिन जैसी सफाई (Purge) चल रही है।
    यह केवल भ्रष्टाचार विरोध नहीं, बल्कि नियंत्रण और डर के जरिए वफादारी कायम करने की कोशिश है।

    ब्लूमबर्ग के अनुसार,

    “शी ने उन जनरलों में से लगभग पाँचवाँ हिस्सा हटा दिया है जिन्हें उन्होंने खुद पदोन्नत किया था।”

    इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक,

    “कॉर्पोरेट क्षेत्र में हर हफ्ते एक प्रमुख CEO गायब हो रहा है।”

    नतीजा यह है कि चीन की आर्थिक और सुरक्षा व्यवस्था भय से संचालित हो रही है।
    जहाँ कभी नवाचार और विकास था, वहाँ अब सावधानी और चुप्पी है।


    📉 आर्थिक दबाव और भय

    • 2024 में, चीन की अनुशासन समिति (CCDI) ने फार्मा क्षेत्र में 60,000 और वित्त क्षेत्र में 17,000 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की।

    • 200,000 लोगों को काली सूची में डाला गया — जिससे वे यात्रा, होटल बुकिंग, या हाई-स्पीड ट्रेन तक नहीं ले सकते।

    • जोखिम लेने की संस्कृति खत्म हो गई है; उद्यमी अब देश छोड़ने या परियोजनाएँ रोकने पर विचार कर रहे हैं।


    🪖 सैन्य मोर्चा

    • जनरल हे वेइडोंग, जिन्हें शी जिनपिंग ने 2022 में सीधे उपाध्यक्ष बनाया था, अब गायब हैं।

    • उनकी बर्खास्तगी माओ काल के बाद सबसे बड़ी सैन्य सफाई मानी जा रही है।

    • नौसेना प्रमुख एडमिरल मियाओ हुआ को भी पार्टी से निकाल दिया गया है।

    विश्लेषक वेन-टी सुंग (Atlantic Council) के अनुसार:

    “शी जिनपिंग अब सेना को पूरी तरह अपने वफादारों से भरना चाहते हैं।”


    🕳️ ‘लिउझी’ प्रणाली का डर

    यह प्रणाली पहले केवल पार्टी अधिकारियों पर लागू होती थी, लेकिन अब बिज़नेस लीडर्स को भी इसी में फंसाया जा रहा है।
    कैदियों को:

    • बिना आरोप के हिरासत में रखा जाता है,

    • वकील से मिलने नहीं दिया जाता,

    • और उन्हें अंधेरे, खिड़की रहित कमरों में घंटों पूछताछ झेलनी पड़ती है।


    💀 आत्महत्या और भय का माहौल

    अप्रैल से जुलाई 2024 के बीच, कम से कम पाँच प्रमुख उद्योगपतियों ने ऊँची इमारतों से कूदकर जान दे दी।
    इसमें वांग लिनपेंग, हुबेई प्रांत के एक धनी व्यापारी भी शामिल थे।
    इन घटनाओं ने पूरे चीन में भय और निराशा का माहौल पैदा कर दिया है।


    ⚖️ शी जिनपिंग की मंशा

    विश्लेषकों का मानना है कि यह सिर्फ भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं —
    बल्कि एक राजनीतिक अनुशासन अभियान है।
    अब शी जिनपिंग यह दिखा रहे हैं कि

    “चीन में कोई भी व्यक्ति — चाहे वो जनरल हो या उद्योगपति — अछूता नहीं है।”

    जैसे स्टालिन के रूस में, या पुतिन के रूस में “खिड़की से गिरने” का अर्थ “राजनीतिक सफाया” होता है —
    वैसे ही अब चीन में “स्विमिंग पूल में दिल का दौरा” एक कोड बन गया है।


    🧭 आगे क्या

    अगले हफ्ते कम्युनिस्ट पार्टी का चौथा प्लेनम होने वाला है —
    जहाँ 2030 तक की आर्थिक योजना पर चर्चा होगी।
    शी जिनपिंग नए सैन्य नेताओं की नियुक्ति करेंगे,
    लेकिन असली संदेश “अनुशासन और भय” का है, सुधार या नवाचार का नहीं।

    चीन में अब कोई उत्तराधिकारी नहीं दिखता, और शी जिनपिंग “आजीवन राष्ट्रपति” के रूप में सत्ता में बने रहने की तैयारी कर रहे हैं।

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