नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कुआलालंपुर में अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग में “नए अध्याय” की शुरुआत का संकेत देते हुए एक ऐतिहासिक 10-वर्षीय रक्षा फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह बैठक आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) के इतर हुई, जिसमें राजनाथ सिंह भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा, “हम तीन बार टेलीफोन पर बातचीत कर चुके हैं। मुझे खुशी है कि आज ADMM-Plus के मौके पर आपसे आमने-सामने मिल रहा हूं। इस अवसर पर मुझे लगता है कि रक्षा फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर के साथ आज एक नया अध्याय शुरू होगा। मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंध और भी मजबूत होंगे।”
दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुए इस समझौते में अगले दस वर्षों के लिए सैन्य सहयोग, क्षमता निर्माण और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त पहल के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है।
अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इस समझौते को द्विपक्षीय संबंधों में “एक बड़ा कदम आगे” बताया। उन्होंने कहा, “मैं मंत्री सिंह का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। भारत के साथ हमारी साझेदारी दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है। हमारा रणनीतिक जुड़ाव साझा हितों, आपसी विश्वास और सुरक्षित एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह 10-वर्षीय अमेरिका-भारत रक्षा फ्रेमवर्क महत्वाकांक्षी है। यह हमारे दोनों सैन्यों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है — गहराई और सार्थक सहयोग के लिए एक रोडमैप। यह अमेरिका की साझा सुरक्षा और मजबूत साझेदारी के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
राजनाथ सिंह ने बाद में एक्स (X) पर लिखा, “यह रक्षा फ्रेमवर्क भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के पूरे स्पेक्ट्रम को नीतिगत दिशा प्रदान करेगा। यह हमारी बढ़ती रणनीतिक साझेदारी का संकेत है और साझेदारी के नए दशक की शुरुआत करेगा।”
यह बैठक उस समय हुई है जब भारत और अमेरिका के बीच उच्च-स्तरीय संवादों में तेज़ी आई है। इसी हफ्ते, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय विकासों पर चर्चा हुई।
राजनाथ सिंह की मलेशिया यात्रा में उनके मलेशियाई समकक्ष खालिद नॉरदिन से बातचीत और ADMM-Plus शिखर सम्मेलन में भागीदारी शामिल है, जहां चर्चा का केंद्र क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद-रोधी सहयोग है।
भारत वर्तमान में मलेशिया के साथ 2024–2027 की अवधि के लिए काउंटर टेररिज्म पर विशेषज्ञ कार्य समूह (Experts’ Working Group) का सह-अध्यक्ष है, जो हिंद-प्रशांत सुरक्षा ढांचे को आकार देने में भारत की बढ़ती भूमिका को मजबूत करता है।
