गोवा के मछुआरों या व्यक्तियों को ₹75,000 का इनाम दिया जाएगा यदि वे व्हेल शार्क और अन्य विलुप्तप्राय समुद्री प्रजातियों को बचाकर वापस समुद्र में छोड़ते हैं। यह घोषणा राज्य के वन मंत्री विश्वजीत राणे ने 30 अगस्त को की।
अंतर्राष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस (30 अगस्त) के अवसर पर बोलते हुए राणे ने कहा कि यह पहल तटीय राज्य में समुद्री संरक्षण प्रयासों को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
उन्होंने ‘व्हेल शार्क कंज़र्वेशन प्रोजेक्ट’ की शुरुआत की घोषणा की, जो वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया, राज्य के मत्स्य विभाग और ओरेकल इंडिया के सहयोग से शुरू किया गया है।
राणे ने बताया कि इस परियोजना के तहत वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-I में शामिल व्हेल शार्क और अन्य विलुप्तप्राय समुद्री जीवों को बचाने और छोड़ने वाले मछुआरों या व्यक्तियों को ₹75,000 का इनाम दिया जाएगा।
संबंधित खबर:
गोवा प्रेमियों के लिए खुशखबरी — एक विशाल मापुसा म्यूरल पर आपका चेहरा हो सकता है
मंत्री ने कहा, “गोवा का मछुआरा समुदाय हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उनके अटूट समर्पण और सहयोग के साथ, गोवा समुद्री जीवन की रक्षा में अग्रणी बना रहेगा।”
राणे ने दक्षिण गोवा के मछुआरे फ्रांसिस फर्नांडीस (जिन्हें लोकप्रिय रूप से ‘पैले’ कहा जाता है) के योगदान की सराहना की, जिन्होंने मछुआरा समुदाय को समुद्री संरक्षण के प्रति जागरूक करने में अहम भूमिका निभाई है।
मंत्री ने समुद्री जीवन संरक्षण पर एक समिति के गठन की भी घोषणा की। इस समिति की अध्यक्षता समुद्री जीवविज्ञानी प्रो. बी. सी. चौधरी करेंगे। इसके सदस्य होंगे संरक्षणवादी विवेक मेनन, मत्स्य विशेषज्ञ प्रवीण कुमार राघव, मत्स्य विभाग की निदेशक शमीला मोंटेरियो, फ्रांसिस फर्नांडीस, और स्वयं मंत्री विश्वजीत राणे।
संबंधित खबर:
स्थानीय लोगों को मिलेगा ₹2 लाख का लाभ — गोवा ने लॉन्च की होमस्टे और बेड-एंड-ब्रेकफास्ट योजना
राणे ने कहा, “यह समिति न केवल व्हेल शार्क बल्कि सभी समुद्री प्रजातियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि गोवा अपनी समृद्ध समुद्री जैव विविधता को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
(संपादन: जेरोम एंथनी)
