नई स्टडी में खुलासा: विटामिन B3 त्वचा कैंसर की रोकथाम में बन सकता है बड़ा सहायक
The Conversation में प्रकाशित और PTI द्वारा रिपोर्ट की गई एक नई स्टडी के अनुसार, एक साधारण विटामिन सप्लीमेंट दुनिया भर में त्वचा कैंसर की रोकथाम के तरीके को बदल सकता है।
33,000 से अधिक अमेरिकी दिग्गज सैनिकों (US veterans) पर किए गए इस शोध में पाया गया कि निकोटिनामाइड (Nicotinamide) — जो विटामिन B3 का एक रूप है — नए त्वचा कैंसर विकसित होने के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है, खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से कैंसर का निदान हो चुका है।
🌞 त्वचा कैंसर को मिला एक नया साथी
त्वचा कैंसर दुनिया में सबसे अधिक निदान किया जाने वाला कैंसर है। हर साल लाखों नए केस सामने आते हैं, खासकर नॉन-मेलानोमा प्रकार जैसे बेसल सेल कार्सिनोमा और क्यूटेनियस स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा।
अब तक रोकथाम का मुख्य तरीका यूवी किरणों से बचाव और सनस्क्रीन का उपयोग था, लेकिन कैंसर के दोबारा लौटने के मामले अभी भी बहुत आम हैं।
💊 उम्मीद जगाने वाला विटामिन — निकोटिनामाइड
निकोटिनामाइड एक कम लागत और आसानी से उपलब्ध विटामिन B3 का रूप है, जो त्वचा की यूवी क्षति की मरम्मत क्षमता को बढ़ाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह सूजन को कम करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को असामान्य कोशिकाओं की पहचान और उन्हें हटाने में मदद करता है।
📊 अध्ययन का पैमाना
इस अध्ययन में 33,000 से अधिक अमेरिकी वेटरन्स को शामिल किया गया।
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इनमें से 12,000 प्रतिभागियों ने 500 मि.ग्रा. निकोटिनामाइड दिन में दो बार एक महीने से अधिक समय तक लिया।
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21,000 लोगों ने यह सप्लीमेंट नहीं लिया।
📈 नतीजे
निकोटिनामाइड लेने वालों में नए त्वचा कैंसर का जोखिम 14% तक कम देखा गया।
सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि जिन मरीजों ने पहले कैंसर के निदान के तुरंत बाद यह सप्लीमेंट लेना शुरू किया, उनमें अतिरिक्त कैंसर विकसित होने का जोखिम 54% तक कम हो गया।
⏰ समय का महत्व
सप्लीमेंटेशन का फायदा पहले कैंसर के निदान के तुरंत बाद शुरू करने पर सबसे अधिक देखा गया।
यदि इसे देर से, यानी कई बार कैंसर लौटने के बाद शुरू किया गया, तो प्रभाव काफी कम था।
यह असर दोनों प्रकार के कैंसर — बेसल सेल और स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा — में देखा गया, लेकिन स्क्वैमस सेल कैंसर में सबसे अधिक था, जो आमतौर पर अधिक आक्रामक होता है।
☀️ सनस्क्रीन का विकल्प नहीं
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि निकोटिनामाइड सनस्क्रीन का विकल्प नहीं है।
धूप से बचाव, टोपी पहनना और छांव में रहना अभी भी जरूरी है।
फिर भी, इसकी सरलता, सस्ती कीमत और सुरक्षा इसे मौजूदा रोकथाम रणनीतियों का एक प्रभावी “पूरक” बना देती है।
🔍 वास्तविक उम्मीदें, वास्तविक सीमाएँ
यह एक प्रेक्षणात्मक (observational) अध्ययन था, यानी इसने संबंध तो दिखाया, पर प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं दिया।
अधिकांश प्रतिभागी श्वेत पुरुष थे, इसलिए अन्य समूहों पर इसके प्रभाव की पुष्टि के लिए और शोध की आवश्यकता है।
फिलहाल, यह सप्लीमेंट उन लोगों के लिए सबसे उपयोगी माना जा रहा है, जिन्हें पहले से त्वचा कैंसर हो चुका है।
💡 निष्कर्ष
पहली बार कैंसर का सामना कर रहे मरीजों के लिए निकोटिनामाइड का दैनिक सेवन एक नई उम्मीद पेश करता है —
एक सरल, सुरक्षित और सुलभ उपाय, जो त्वचा कैंसर के दोबारा होने के खतरे को कम कर सकता है और रोकथाम के क्षेत्र में नया अध्याय खोल सकता है।
