नियामक फाइलिंग के अनुसार, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा शुरू किए गए नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उद्यम रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (REIL) में मेटा प्लेटफॉर्म्स की सहायक कंपनी फेसबुक ओवरसीज (Facebook Overseas) ने 30% हिस्सेदारी खरीद ली है। रिलायंस की पूर्ण स्वामित्व वाली AI सहायक कंपनी रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड (Reliance Intelligence) संयुक्त उद्यम में शेष 70% हिस्सेदारी रखेगी। इस कंपनी को औपचारिक रूप से 24 अक्टूबर, 2025 को निगमित किया गया था। पीटीआई (PTI) की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों कंपनियों ने REIL में ₹855 करोड़ के शुरुआती संयुक्त निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इस उद्यम का मुख्य ध्यान पूरे भारत में व्यवसायों के लिए एंटरप्राइज AI सेवाओं को विकसित करना, उनका विपणन करना और वितरित करना होगा। रिलायंस इंटेलिजेंस अपनी ओर से ₹10 मूल्य के 20 लाख इक्विटी शेयरों की प्रारंभिक सदस्यता के लिए ₹2 करोड़ का निवेश करेगी।
Meta के Llama मॉडल एंटरप्राइज AI समाधानों को शक्ति देंगे
यह संयुक्त उद्यम, जिसकी घोषणा पहली बार अगस्त 2025 में RIL की वार्षिक आम बैठक (AGM) में की गई थी, मेटा के ओपन-सोर्स Llama AI मॉडल का लाभ रिलायंस की व्यापक एंटरप्राइज पहुँच के साथ उठाएगा। इस साझेदारी का लक्ष्य दो मुख्य उत्पाद पेश करना है: पहला, एक एंटरप्राइज AI प्लेटफॉर्म-एज-ए-सर्विस जो संगठनों को जेनरेटिव AI मॉडल को कस्टमाइज़ और डिप्लॉय करने में सक्षम बनाएगा; और दूसरा, बिक्री, मार्केटिंग, आईटी ऑपरेशंस, ग्राहक सेवा और वित्त जैसे उद्योगों के लिए प्री-कॉन्फिगर्ड AI समाधान। इस सहयोग में, मेटा Llama-आधारित मॉडल बनाने में अपनी तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा, जबकि रिलायंस अपना डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और हज़ारों भारतीय उद्यमों और छोटे व्यवसायों तक अपनी पहुँच का योगदान देगा। इन समाधानों को क्लाउड, ऑन-प्रिमाइसेस और हाइब्रिड वातावरण में लागू किया जा सकेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य कुल स्वामित्व लागत (Total Cost of Ownership) को कम करना होगा।
दो दिग्गजों के बीच पाँच साल की साझेदारी
यह AI सहयोग मेटा और रिलायंस के बीच के उस रणनीतिक संबंध का विस्तार है, जो अप्रैल 2020 में शुरू हुआ था, जब फेसबुक ने जियो प्लेटफॉर्म्स में $5.7 बिलियन (₹43,574 करोड़) का निवेश करके इसे सबसे बड़ा अल्पसंख्यक शेयरधारक (largest minority shareholder) बना दिया था। जून 2020 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) द्वारा अनुमोदित इस निवेश ने फेसबुक को जियो प्लेटफॉर्म्स में 9.99% हिस्सेदारी दी थी, जिसमें RIL का लगभग 50 करोड़ ग्राहकों वाला दूरसंचार व्यवसाय शामिल है। नियामक फाइलिंग में यह भी उल्लेख किया गया है कि REIL (रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड) का निगमन ‘संबंधित पक्ष लेनदेन’ (related party transactions) के अंतर्गत नहीं आता है, और रिलायंस इंडस्ट्रीज के किसी भी प्रमोटर, प्रमोटर समूह या समूह कंपनियों का इस लेनदेन में कोई हित नहीं है। साथ ही, REIL की स्थापना के लिए किसी सरकारी या नियामक अनुमोदन (regulatory approvals) की आवश्यकता नहीं थी।
