तुलसी अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है और मानसून के दौरान होने वाली बीमारियों के लिए सबसे लोकप्रिय घरेलू नुस्खों में से एक है। इसके वायरल, बैक्टीरियल और फंगल-रोधी गुण श्वसन संक्रमणों से लड़ने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं।
आप इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं—ताज़ी तुलसी की पत्तियाँ चबाकर या इसे उबालकर गरम, सुकून देने वाली तुलसी चाय बनाकर।
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अदरक (Ginger):
अदरक अपने एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और सूजन-रोधी (anti-inflammatory) गुणों के लिए जानी जाती है। यह मांसपेशियों के दर्द को कम करने, मतली को दूर करने और गले की खराश को शांत करने में बेहद प्रभावी है।
अदरक की चाय बनाने के लिए, कच्चे अदरक के टुकड़ों को उबलते पानी में कुछ मिनट तक उबालें।
यह गर्म और हाइड्रेटिंग पेय मानसून के मौसम में होने वाली मौसमी असुविधाओं से राहत दिलाने में विशेष रूप से लाभदायक है।
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भाप लेना (Steam Inhalation):
भाप लेना बरसात के मौसम में सर्दी-जुकाम के लक्षणों से राहत पाने का सरल और प्रभावी घरेलू उपाय है। यह नाक बंद होने को खोलने, गले की जलन को शांत करने और साइनस के दबाव को कम करने में मदद करता है।
इसे करने के लिए, पानी को उबालें, सिर पर तौलिया रखकर झुकें और 10–15 मिनट तक गहरी सांस लें।
अधिक राहत के लिए, आप यूकेलिप्टस या पुदीना तेल की कुछ बूंदें मिला सकते हैं। यह उपाय सांस संबंधी तकलीफों से त्वरित राहत प्रदान करता है।
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गर्म भोजन (Hot Meals):
बरसात के मौसम में ताजा पकाया हुआ गर्म खाना, जैसे सूप या खिचड़ी, आरामदायक और पोषण से भरपूर होता है। ये गर्म और पौष्टिक भोजन शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और जरूरी पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
इनमें काली मिर्च, जीरा और दालचीनी जैसे मसाले मिलाने से स्वाद बढ़ता है और साथ ही ये एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण संक्रमण से लड़ने और प्रतिरक्षा बढ़ाने में मदद करते हैं।
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मुलेठी (Liquorice Root):
मुलेठी बरसात के मौसम में जुकाम और गले के दर्द के लिए एक बेहतरीन घरेलू नुस्खा है। इसमें पाए जाने वाले एंटी-इन्फ्लेमेटरी और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण शरीर को संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं।
इसे छोटे टुकड़ों में चबाया जा सकता है या फिर इसकी जड़ को पानी में उबालकर चाय बनाई जा सकती है।
मुलेठी की चाय गले को आराम देती है और मौसमी बीमारियों से बचाव में सहायक होती है।
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