नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को हरियाणा के अंबाला स्थित भारतीय वायु सेना स्टेशन पर राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। उड़ान से पहले राष्ट्रपति मुर्मू को औपचारिक रूप से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
राफेल जेट्स, जो फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) द्वारा निर्मित हैं, सितंबर 2020 में अंबाला में औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए थे और ऑपरेशन सिंदूर में इनकी अहम भूमिका रही थी।
यह राष्ट्रपति मुर्मू की किसी लड़ाकू विमान में दूसरी उड़ान थी। इससे पहले उन्होंने 2023 में असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई (Sukhoi-30 MKI) में उड़ान भरी थी।
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई को की गई थी, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया था। इस अभियान का लक्ष्य पाकिस्तान-नियंत्रित क्षेत्रों में स्थित आतंकी ठिकाने थे। इस दौरान चार दिनों तक भीषण मुठभेड़ें हुईं और अंततः 10 मई को पाकिस्तानी डीजीएमओ के अनुरोध पर सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी।
राष्ट्रपति भवन ने इस कार्यक्रम की पुष्टि मंगलवार को की थी और इसे भारत की सशस्त्र सेनाओं के साथ राष्ट्रपति के जुड़ाव का हिस्सा बताया था।
मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया:
“भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, कल हरियाणा के अंबाला जाएंगी, जहाँ वे राफेल विमान में उड़ान भरेंगी।”
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल भी क्रमशः 2006 और 2009 में पुणे के लोहगाँव वायु सेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई विमान में उड़ान भर चुके हैं।
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